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योजना आयोग – राष्ट्रीय सलाहकार परिषद का तमाशा बंद करो –

People Foundation
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योजना आयोग तथा राष्ट्रीय सलाहकार परिषद भ्रष्ट नौकरशाह, रिटायर नौकरशाह, N .G .O के नाम पर सरकारी धन लूटने, सैर सपाटा करने, आम जनता व देश से कटे एयर कंडीसन कमरे में बैठकर रास्ट्र को अपनी चाबुक से हांकने वालों का जमावड़ा है उनकी राष्ट्रीय छवि नहीं, उनके पैरों के नीचे धरातल नहीं वह जानता के धन से जानता के साथ खिलवाड़ करने वाले पथ भ्रष्ट लोगों का एक मंच है निर्धनता हमारे समाज का सबसे बड़ा अभिशाप है ! केन्द्र – राज्य सरकार हो, योजना आयोग हो या वर्तमान में केन्द्र की संविधानेत्तर सत्ता राष्ट्रीय सलाह कार परिषद या राजनितिक दल अपने – अपने ढंग से गरीबों का उपहास कर रहे हैं ! देश को चलाने वाले रणनीतिकार समझने में नाकाम हैं वह नई – नई कहानियां, मुद्दे, परिभाषाएं गढ़ कर गरीबों को भ्रमित कर अपने प्रमोटरों को राष्ट्रीय, बहुराष्ट्रीय कंपनियों को दोनों हांथों से लूटने की खुली छूट देने के आलावा कुछ नहीं कर रहे हैं !

योजना आयोग शहर में 32 रुपया गाँव में 26 रूपया प्रतिदिन कमाने वालों को गरीब नहीं मान रहा है ! योजना आयोग है क्या मात्र सत्तारुढ़ दल के पराजित नेताओं, भ्रष्ट चाटुकार नौकरशाह तथा भड़ैती करने वाले भांडों का गिरोह जो अपनी हर रिपोर्ट में जानता को आईना दिखता है ! 68727 करोड़ की गरीबी उन्मूलन की अनेक योजनाओं का 80 % धन मंत्रियों, नौकरशाहों, सरकारी कर्मचारियों तथा ठेकेदारों के घर जा रहा है ! महंगाई का असर व दैनिक उपभोग वस्तुओं की कीमते क्या हैं ? यह नहीं जानते क्योंकि इनको तो सबकुछ बगैर कीमत अदा किये प्राप्त होता है ! महंगाई की मार जनता झेल रही है, अपनी हालत परेशानी बताने के लिए आंदोलित जानता सत्ताधारियों की पुलिस की प्रताड़ना लाठी गोली खा कर झेल रही है ! सत्ता धारी दल के छुट भइये गाँव, गली शहर में अलग डांका डाल रहे हैं ! सांसद, विधायक सरकारी सुख सुविधों में हिस्सा डकार रहे हैं गरीबी से तंग गरीब भूंख मिटाने के लिए धतूरा का पत्ता खा कर मौत को गले लगा रहा है ! हाय तौबा मचने पर गरीब की पोस्ट मार्टम रिपोर्ट में डाक्टर लिखता है कि मौत भूँख से नहीं जहरीला पदार्थ खाने से हुई है ! किसान, बेरोजगार, नौजवान वगैर काम के रहें वह कैसे विकास कर अपनी रक्षा करेगा ! पिछले 25 वर्षों में सत्ता, संसद का चरित्र बदल गया वहां गाँव, गरीब, किसान व राष्ट्र की चर्चा समाप्त हो गयी ! 25 वर्षों में संसद को अपने द्वारा पारित संकल्पों की याद नहीं देश के गरीबों की आह नादिरशाहों के ताबूत में आख़िरी कील जरुर ठोकेगी क्योंकि ये नादिरशाह सुधरेंगे नहीं !

योजना आयोग के बाद श्री मती सोनिया गाँधी के नेतृत्व वाली संविधानेत्तर सत्ता राष्ट्रीय सलाहकार परिषद कांग्रेस के वोट जुटाने के वास्ते अंग्रेज़ी सत्ता से ज्यादा घातक मार्ग पर चल पड़ी है ! 64 सालों की आजादी 21वी सदी में प्रवेश के बाद वह ऐसे प्रस्ताव तैयार कर केन्द्र सरकार के माध्यम से लागू कराना चाहती है जिससे भारत का सामाजिक ढांचा, नस्ट भ्रष्ट होने की सम्भावना बढ़ गई है ! बहुसंख्यक अल्पसंख्यक के नाम पर हिन्दू – मुस्लिम समुदाय में दूरियां बढ़ने का खुला खेल यह खेल रही हैं ! अंग्रेजों की कुटिलता ने आजादी के साथ धार्मिक आधार पर विभाजित रास्ट्र दिया विभाजन से उपजी धार्मिक हिंसा ने लाशों के ढेर लगाये हर तरफ घना अँधेरा किसी तरह दूर हुआ यह लोग रास्ट्र के वैभव, गरिमा की नहीं मात्र सत्ता के लिए अपना वोट बैंक मजबूत करने की चिंता में मस्त हैं ! उसी मस्ती में अल्पकालिक लाभ के लिए हमारे दीर्घकालिक राष्ट्रीयहितों की बलि देने का प्रयास किया जा रहा है !

योजना आयोग तथा राष्ट्रीय सलाहकार परिषद में बैठे लोग धार्मिक निरपेक्षता के नाम पर संकीर्णता का विष लोगों के दिमाग में भर रहें हैं इन्हें दरिद्रता व राष्ट्र से लेना – देना नहीं ! देश के प्रति अपने कर्तव्यों से दूर जवाब देही से बचने के लिए कुर्तक पाठ पढ़ा रहें हैं सत्ताधारियों, कुतार्कता विशेषज्ञों हमारे संस्कार, सभ्यता संस्कृति, संविधान, लोकतंत्र दरिद्र नारायण की आत्मा पर प्रहार बंद करो वर्ना प्रकति का प्रहार तुम्हारे दंभ – दमन का हिसाब अवश्य लेगा

पाक गई है आदतें, बातों से सर होगी नहीं,

कोई हंगामा करो , ऐसे गुजर होगी नहीं !!

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