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देश में आतंकी हमलों को करारा जवाब देने कि शक्ति और लड़ने का हौसला जनता में है सरकारों में नहीं, हमारी और अमेरिका कि सरकार का अंतर स्पष्ट है कि ९/११ के बाद किसी आतंकी संगठन कि हिम्मत अमेरिका कि ओर देखने कि नहीं हुई और हमारी सरकार एक आतंकी घटना के हमलावरों का पता लगा नहीं पाती देश द्रोही दूसरी घटना को अंजाम देकर हमारे भाई बहनों के खून से अपनी प्यास बुझा लेते हैं
नेता और अफसर भ्रस्टाचार काली कमाई के साथ अपनी कुर्सी बचाने में मस्त रहते हैं उन्हें देश कि अखंडता मासूम नागरिकों कि जान की कोई परवाह नहीं अब देश के सभी नेताओं को देश भक्ती का पाठ पढाना पड़ेगा या पेशेवर नेताओं से देश को मुक्त करा कर देश की रक्षा के लिए बड़ा आन्दोलन किसी संत पुरुष की अगुवाई में चलाने के लिए मानसिक रूप से तैयार होना पड़ेगा क्योंकि देश के नेता हर आतंकी घटना के बाद अपना वोट तलासते हैं और अमेरिका के आगे गिड़ गिडाते हैं इनका अपना कोई स्वाभिमान नहीं है इनके सहारे देश के स्वाभिमान को नहीं छोड़ा जा सकता
शक्ति की पूजा हमेशा हुई है हमारे लिए उसका प्रदर्शन आवश्यक हो गया है
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