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बापू का सदभाव बाबा साहब कि समता डा. लोहिया कि सप्त क्रांति तथा लोकनायक जय प्रकाश की सम्पूर्ण क्रांति भारतीय समाज व प्रजातन्त्र को उर्जावान बनाये था सन उन्नीस सौ चौहत्तर में कवि दिनकर की पंक्तियाँ सिंघासन खाली करो कि जनता आती है का शंखनाद कर लोक नायक जय प्रकाश ने आजाद भारत में सत्ता परिवर्तन जन शक्ति के बूते करा दिया जय प्रकाश अपने आयु व बीमारी के कारण वह नहीं दे पाए जो देश को देना चाहते थे देश की राजनीति लोकतंत्र के नाम पर भ्रस्टाचारियों बेईमान लुटेरों अपने सात पुस्तों का इंतजाम करने वाले नेता नौकरसाहों पूंजीपतिओं के हांथों गिरवी रख कर लूट की खुली छूट दे दी संसद लचर हो गई निरीह जनता दुर्भाग्य पूर्ण जीवन जीने के लिए विवस हो गई जन लोकपाल कानून बनाने से देश के कुल जमा पंद्रह हजार लोगों की लूट पर रोक लगेगी जिन्हों ने दोनों हांथों से लूटा है उनके दबाव में जनता की संवैधानिक सर्वोचता को संसद की सर्वोचता के नाम पर कुचलने का पाप संसद में पछ विपछ दोनों ने किया है अन्ना का आन्दोलन सत्ता से ज्यादा व्यवस्था परिवर्तन का है क्यों की इस व्यवस्था परिवर्तन के बाद अन्ना को सत्ता में कोई लाभ का पद नहीं लेना है इस लिए जनता उनके पीछे चल पड़ी है जनतंत्र में जनता की इच्छा सर्वोच्च है बिना किसी किन्तु परन्तु के संसद जनता की इच्छा का पवित्र पंचायत है परन्तु संसद में बैठे सदस्य सर्वोच्च नहीं हैं वह जन प्रतनिधि हैं उनकी हैसियत वही है जो मनरेगा के मजदूर की क्योंकि वह जनतंत्र चलाने के नाम पर कानून के अंतर गत ऊँचे वेतन भत्ते ले रहे हैं देश और प्रजातंत्र पर अहसान नहीं कर रहे हैं हम अन्ना तुम अन्ना वो अन्ना सब अन्ना इस लिए अब पूरा देश है अन्ना !!
चंद्रजीतसिंह यादव
” संस्थापक”
People Foundation
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